
धोरिमना, लीलसर: बाड़मेर के लीलसर मे कुछ दिनों पहले भोमाराम निवासी खुमे की बेरी पर हिरण की हत्या का आरोप था तथा दोषी पाया गया। बाड़मेर के कारागृह मे आरोपी भोमाराम पुत्र लालाराम की जमानत के दौरान ही मौत हो गई। जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत शव को अपने कब्जे मे लिया तथा मोर्चरी लेके गए। तथा शव को अस्पताल की मोर्चरी मे रखा गया। इस मामले को लेकर देर रात न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भी मोर्चरी मे मामले की जांच की।
मिली जानकारी के अनुसार बाड़मेर के धोरीमना क्षेत्र के खुमे की बेरी के निवासी भोमाराम पुत्र लालाराम ने लीलसर मे हिरण का शिकार किया था। उसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। भोमाराम को शुक्रवार को ही कोर्ट से जमानत मिली थी तथा उसका भाई जेल के बाहर उसको लेने के लिए आया हुआ था, लेकिन अपने घर नहीं लेके जा पाया। भोमाराम को शुक्रवार शाम को जमानत के लिए लेके जा रहे थे। लेकिन रजिस्टर में हस्ताक्षर करवाने के तुरंत बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ गई तथा बेहोश होकर गिर गया।
उसके तुरंत बाद जेल प्रशासन भोमा राम को बाड़मेर के जिला अस्पताल मे भर्ती करवाया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। वहाँ पे डॉक्टरों ने भोमा राम को मृत घोषित कर दिया। जेल प्रशासन ने कैदी के मौत की जानकारी न्यायिक मजिस्ट्रेट को दे दी तथा शव को कोतवाली थाना पुलिस शव को मोर्चरी में रखवा दिया।
शव का फोटोग्राफ लेके न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है।
मौत का कारण:
भोमाराम की अचानक मौत ने सबको सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। कुछ लोग इसकी मौत को कर्मों का फल बता रहे है। उनका मानना है की जो हिरण की हत्या करेगा भगवान उसको उसके कर्मों का दंड जरूर देंगे। फिलहाल भोमाराम का शव मेडिकल बोर्ड की मोर्चरी मे पोस्टमार्टम के लिए जमा करवाया गया है। मृतक के परिजनों को मौत की सूचना दे दी गई है। परिजनों के पहुचने के बाद कानूनी कार्यवाही की जावेगी। मौत का असली कारण तो पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा।