Sanchore Closed Today: साँचोर जिला बचाओ सघर्ष समिति ने साँचोर को यथावत जिला रखने की मांग को लेकर आज 28 सितंबर को सम्पूर्ण साँचोर को बंद रखा जिससे पूरे जिले मे इसका असर देखने को मिल रहा है। शहर के साथ साथ छोटे बड़े गाँव तथा सभी कस्बे बंद रहेंगे।
आज सम्पूर्ण साँचोर के निजी स्कूल व कॉलेज, प्राइवेट अस्पताल ओर डॉक्टर तथा महाविद्यालयो ने साँचोर बंद की हड़ताल का समर्थन किया। अस्पताल बंद होने से चिकित्सा सेवाए बंद हो गई तथा जिले के अधिवक्ताओं के अनिश्चितकालीन पर हड़ताल मे जाने से न्यायिक कार्य पर भी प्रभाव पड़ा।
निजी स्कूल बंद रहे
प्राइवेट स्कूलो मे छुट्टी की घोषणा से सभी स्कूल बंद रही , वही दूसरी ओर सरकारी स्कूल के छात्रो ने भी विरोध प्रदर्शन किया तथा स्कूल के मुख्य गेट पे ताला लगा के धरनों पे बेठ गए। साँचोर क्षेत्र के सभी स्कूलो के बच्चे साँचोर बंद के आंदोलन मे भाग ले रहे है। इन सब घटनाओं को देखते हुए जिला प्रसाशन ओर पुलिस पूरे क्षेत्र मे कड़ी सुरक्षा के साथ तेनात खड़ी है। प्रसाशन जिले मे हो रही हलचल पर नजर गड़ाये बेठी है।
पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई समेत अन्य नेता तथा सामाजिक कार्यकर्ता भी विरोध-प्रदर्शन मे शामिल रहे। वही सांचौर जिला बचाओ संघर्ष समिति द्वारा कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर आज धरणे का चोंथा दिन जारी रहा। सघर्ष समिति अपनी मांग पर अड़ी रही।
पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई की आंदोलन के दौरान बिगड़ी तबियत
73 वर्षीय सुखराम बिश्नोई पिछले 4 दिनों से अनशन कर रहे है तो तबीयत का बिगड़ना तो जाहीर सी बात है, डॉक्टरों ने बिश्नोई को अस्पताल मे भर्ती होने की सलाह दी, लेकिन वो धरण स्थल से दूर जाने का नाम तक नहीं ले रहे। जब तक राज्य सरकार द्वारा जिले को यथावत रखने का कोई सबूत नहीं दे देती तब तक वो अनशन पे रहेंगे तथा संघर्ष जारी रहेगा। समर्थकों मे बिश्नोई के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ रही है।
साँचोर जिला बचाओ सघर्ष समिति का कहना है की वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक उन्हे सरकार द्वारा कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता। वही दूसरी ओर आन्दोलन के तेजी से बढ़ते स्वरूप को देखते हुए राज सरकार पर दबाव बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन अब तक सरकार ने इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है।